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कॉपीराइट का उल्लंघन कब होता है?

विगत अंको में हमने जाना था कि कॉपीराइट क्या है? तथा वे कौन कौन सी कृतियाँ हैं, जिन में कापीराइट उत्पन्न होता है तथा अवस्थित रहता है। आज हम जानेंगे कि कॉपीराइट का उल्लघंन कब-कब होता है। जिन्हें भारतीय कॉपीराइट एक्ट की धारा-51 में समाहित किया गया है।
अगले अंक में हम देखेंगे कि क्या -क्या कृत्य कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं है।
कॉपीराइट का उल्लंघन

धारा 51. कॉपीराइट का उल्लंघन कब ?

कृति में कॉपीराइट का उल्लंघन माना जाएगा –
() जब कोई भी व्यक्ति कॉपीराइट के स्वामी या इस कानून के अंतर्गत नियुक्त कॉपीराइट पंजीयक द्वारा लायसेंस स्वीकृत किए बिना या इस प्रकार स्वीकृत लायसेंस या उस में वर्णित किसी शर्त या किसी सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्धारित किसी शर्त का उल्लंघन करते हुए
(i) ऐसा कुछ भी करता है जिसे करने का अनन्य अधिकार इस अधिनियम ने कृतिकार को प्रदत्त किया है, या
(ii) लाभ के लिए किसी कृति को जनता तक इस प्रकार संचारित करने हेतु किसी स्थान का उपयोग करने की अनुमति देता है जिस से वह संचार किसी कृति में कॉपीराइट का उल्लंघन करता हो, यदि अनुमति देने वाला व्यक्ति इस तथ्य को नहीं जानता था या उस के पास यह विश्वास करने का कोई युक्तियुक्त कारण नहीं था कि जनता तक ऐसा संचार कॉपीराइट का उल्लंघन होगा।

(ख) जब कोई व्यक्ति किसी कृति में कॉपीराइट की उल्लंधनकारी प्रतिलिपियों को-
(i) बेचने के लिए बनाता है, या भाड़े पर लेता है, या किराए पर उठाने के लिए भाड़े पर लेता है, या व्यवसाय के लिये प्रदर्शित करता है या बेचने या भाड़े पर देने का प्रस्ताव करता है, या
(ii) व्यवसाय के लिये या इस हद तक वितरित करता है जिस से कॉपीराइट का स्वामी प्रतिकूल रुप से प्रभावित हो, या
(iii) व्यावसायिक रुप से सार्वजनिक रुप से प्रदर्शित करे, या
(vi) या भारत में आयात करे
लेकिन उपवाक्य (vi) में एक प्रति का किसी व्यक्तिगत या घरेलू उपयोग के लिए आयात सम्मिलित नहीं है।

स्पष्टीकरण : इस धारा के प्रयोजन से एक साहित्यिक, नाटकीय, संगीतीय या कलात्मक कृति का सिनेमा फिल्म के रुप में पुनरुत्पादन एक उल्लंधनकारी प्रतिलिपि माना जाएगा।

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