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अपने वकील से संतुष्ट नहीं हैं तो तुरंत किसी वरिष्ठ और अनुभवी वकील से मार्गदर्शन प्राप्त करें


 प्रश्न
 मेरा नाम अनिल है,  पति-पत्नी में तलाक के मुकदमे को चलते दो साल हो गएहैं, पति तलाक चाहता है और पत्नी नहीं चाहती और वे दोनों दो साल से अलग रह रहे हैं। क्या उन का तलाक हो सकता है?
उत्तर–
अनिल जी,
प का प्रश्न स्पष्ट नहीं है। आप के प्रश्न से यह तो पता लगता है कि तलाक का मुकदमा अवश्य ही पति ने किया है,  क्यों कि पत्नी तो तलाक चाहती ही नहीं है। इस प्रश्न से यह पता नहीं लगता कि पति को तलाक क्यों चाहिए? और उस ने तलाक के लिए जो अर्जी दी है उस का आधार क्या है? केवल इस तथ्य के आधार पर कि मुकदमा चलते दो वर्ष हो गए हैं यह कैसे निश्चित किया जा सकता है कि तलाक हो सकता है अथवा नहीं। आप के प्रश्न से यह भी स्पष्ट नहीं है कि पति-पत्नी के अलग रहने का आधार क्या है। क्या पति ने पत्नी का त्याग किया है अथवा पत्नी ने पति का त्याग किया है। यदि पत्नी स्वयं ही पति को छोड़ कर चली गई है तो उस के पास उस के अलग रहने का उचित कारण होना चाहिए। यदि उस के पास पति को छोड़ कर चले जाने का उचित कारण नहीं है तो फिर उस का इस तरह पतिगृह छोड़ कर चले जाना निश्चित रूप से अनुचित है और दो वर्ष तक पति का पत्नी द्वारा बिना किसी कारण त्याग कर देना तलाक के लिए उचित आधार है। 
ति ने जो तलाक की अर्जी दो वर्ष पहले दी हुई है निश्चित ही उस में पत्नी द्वारा पति का स्वैच्छा से लंबे समय तक त्याग करना एक आधार नहीं रहा होगा। तो पति को एक आवेदन प्रस्तुत कर अपनी तलाक की अर्जी में संशोधन करवा कर इस आधार को जोड़ना होगा तभी इस आधार पर तलाक की डिक्री अदालत द्वारा पारित की जा सकती है।
लेकिन पति को एक बात का ध्यान रखना होगा कि उस के द्वारा तलाक की अर्जी न्यायालय में प्रस्तुत करना भी पति से अलग रहने का एक उचित कारण हो सकता है, यदि इस बीच पत्नी ने न्यायालय में यह नहीं कहा हो कि वह पति के साथ रहने को तैयार है। यदि उस ने अदालत में यह कहा है कि वह पति के साथ रहने तो तैयार है तो यह आधार निष्फल सिद्ध होगा। पति ने न्यायालय में मुकदमा किया हुआ है तो  उस ने वकील की सहायता भी प्राप्त की होगी। ऐसा प्रतीत होता है कि पति उस के वकील से संतुष्ट नहीं है।यदी ऐसा है तो उसे तुरंत किसी अन्य वरिष्ठ और अनुभवी वकील से मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहिए।  
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