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साधारण मानसिक बीमारी पत्नी से विवाह विच्छेद का आधार नहीं हो सकती

श्री किरण दुसाने पूछते हैं …..
मेरी पत्नी मानसिक तौर से ९ महीने से बीमार है तथा उससे मेरे गृहस्थी में परेशानी और नुकसान के अलावा कुछ भी हासिल नही हो पाया। मेरा दो साल का लड़का है उसकी भी वह देखभाल नहीं करती है और खुद का कुछ भी काम नहीं करती जैसे कि स्नान करना, कपडे धोना आदि। उसके मैके वाले ठीक से उसको सलाह नहीं देते बल्कि ससुराल वालों के खिलाफ बताकर उसकी मानसिक स्थिति और भी बिगाड रहे हैं।  में मेरी और से हर संभव कोशिश कर रहा हूँ। उदाहरण  के तौर पर जैसे कि मैं अभी उसके मैके में काम कर रहा हूँ और उसके माँ बाप के घर के पास घर लेकर रह रहा हूँ। वे उसकी सब हरकतें देखते हैं फिर भी हमें कसूरवार मानते हैं।  इलाज कराने के बाद भी वह कुछ काम करने की तकलीफ नहीं उठाती। मेरा बच्चा सुरिक्षित तौर पर मेरे पास रहे और मैं इस औरत से छुटकारा पाना चाहता हूँ। आप मुझे सलाह दें कि मैं क्या करूँ?
 
 
उत्तर —    
          

दुसाने जी,
प की पत्नी आप की विधिक रूप से विवाहित पत्नी है। उस ने आप के साथ जीवन के कुछ वर्ष बिताए हैं और एक पुत्र भी दिया है, जिसे आप बहुत प्यार करते हैं तथा सुरक्षित रुप से आप अपने साथ रखना चाहते हैं। आप की पत्नी केवल नौ माह से बीमार है, इतनी सी अवधि में आप उस से परेशान हो गए हैं और उसे त्याग देना चाहते हैं। निश्चित ही आप अपनी पत्नी की बीमारी से अत्यधिक परेशान हैं और शायद उस से भी अधिक आप अपने ससुराल वालों के असहयोग और तानों से परेशान हैं। इसीलिए शायद यह चाहते हैं कि आप के ससुराल वाले यदि उसे कुछ समय संभाल कर देखें तो उन्हें भी पता लगे। लेकिन यह सब बहुत भावनात्मक बातें हैं, यथार्थ का इन बातों से कोई संबंध नहीं है।
कुछ समय के लिए आप यह सोच कर देखें कि यदि यह हादसा जो कि आप की पत्नी के साथ हुआ है आप के साथ हो जाता और आप की पत्नी अपने पुत्र को ले कर चली जाती तथा आप को अपने हाल पर छोड़ देती तो उस हालत में आप कैसा महसूस करते? 
प की पत्नी आप की जिम्मेदारी है। आप उसे विवाह कर के लाए हैं। उस का भरण-पोषण करने का दायित्व आप का है और मानसिक बीमारी की हालत में उस की परिचर्या भी आप की जिम्मेदारी है। न केवल सामाजिक रूप से अपितु कानूनी रूप से भी। आप शायद यह सोच कर अपने ससुराल के नगर में रहने आए होंगे कि ससुराल वाले आप की इस कठिन समय में मदद करेंगे लेकिन वे स्वार्थी निकले और उन्हों ने आप की मदद करने के स्थान पर आप की परेशानियाँ बढ़ा दीं। आप इन परिस्थितियों से विचलित हैं। आप की पत्नी को आप की मदद की जरूरत है, जो केवल आप और आप ही कर सकते हैं।
कानून में सामान्य मानसिक रोग के कारण पत्नी से तलाक प्राप्त करने का कोई मार्ग नहीं है। यदि कोई आधार बना कर आप किसी तरह तलाक प्राप्त करने में सफल भी हो जाएँ तो भी उस का भरण-पोषण की जिम्मेदारी तो आप को ही उठानी होगी।
स्तुतः कानून के पास आप की समस्या का कोई हल नहीं है। इस समस्या का तो एक ही हल है कि जब तक आप की पत्नी का स्वास्थ्य ठीक नहीं हो जाता उस की सभी जिम्मेदारियाँ आप को ही उठानी होंगी साथ ही बच्चे की देखभाल भी करनी होगी। यदि आप ससुराल वालों से परेशान हैं तो उन से दूर रहने का कोई उपाय कर सकते हैं, जिस से कम से कम आप अपने निजी जीवन में उन के अनावश्यक हस्तक्षेप से बच सकें। लेकिन पत्नी से छुटकारे का कोई उपाय नहीं है। आप को इन परिस्थितियों में उस के साथ ही जीने का अभ्यास करना होगा। 
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