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क्या मैं दादा जी की संपत्ति में विभाजन के लिए वाद ला सकता हूँ?

  विनोद वर्मा ने पूछा है – – –
 
मेरे पितामह (दादाजी) की संपत्ति मेरे चाचा जी के पास है, यह संपत्ति चाचा जी के पास रहे इस मामले में मेरे पिताजी ने भी सहयोग किया। लेकिन अब मैं चाहता हूँ कि इस संपत्ति में मुझे मेरा हिस्सा मिले। क्या मुझे इस संपत्ति में मेरा हिस्सा मिल सकता है? हम दो भाई और चार बहने हैं। क्या  मेरी बुआ भी इस संपत्ति में अपना हिस्सा क्लेम कर सकती हैं? 

उत्तर – – –

विनोद जी,
निश्चित रूप से आप उस संपत्ति में जो कि आप के दादा जी की है औऱ चाचा जी के पास है उस में अपने हिस्से का दावा कर सकते हैं।
प के दादा जी के देहावसान के समय ही उन की समस्त ऐसी संपत्ति जिस के संबंध में कोई वसीयत नहीं की गई थी, उन के उत्तराधिकारियों की संयुक्त संपत्ति में परिवर्तित हो गई। दादा जी  के उत्तराधिकारियों में उन की सभी जीवित संताने, मृत संतानों के उत्तराधिकारी, तथा जीवित पत्नी और माता सम्मिलित हैं। इन सब को दादा जी की संपत्ति में एक-एक हिस्सा मिलेगा। आप के पिता को भी उस में एक हिस्सा प्राप्त होगा। 
प के पिता को प्राप्त हिस्से का विभाजन आप करवा सकते हैं। उस विभाजन में भी आप के पिता यदि जीवित हैं तो एक हिस्सा उन का होगा तथा एक-एक एक हिस्सा उन की संतानों का होगा। जैसा कि आप ने बताया आप छह भाई बहन हैं। आप के पिता के जीवित होने की स्थिति में उन का एक हिस्सा और आप की माता जी का एक हिस्सा जोड़े जाने पर  आठ हिस्से होंगे। इस तरह आप के दादा की संपत्ति में आप के पिता के हिस्से का 1/8वाँ भाग आप को प्राप्त होगा। यह हो सकता है कि किसी भी स्तर पर कोई उत्तराधिकारी अपना हिस्सा किसी के भी हक में त्याग सकता है। इस तरह आप अनुमान लगा सकते हैं कि आप को विभाजन का वाद संस्थित करने पर क्या प्राप्त होगा? यदि आप समझते हैं कि वह हिस्सा इतना है कि उस के लिए आप को विभाजन की लड़ाई लड़ना चाहिए तो अवश्य लड़ें। इस के लिए आप दीवानी न्यायालय में विभाजन के लिए वाद प्रस्तुत कर सकते हैं। यह भी हो सकता है कि विभाजन के वाद के लंबित रहने के दौरान पक्षकारों में विभाजन पर आपसी सहमति से कोई समझौता हो जाए और न्यायालय समझौते के आधार पर विभाजन की डिक्री पारित कर दे।
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