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13 वर्ष से रिक्त पद के विरुद्ध सेवारत रहने के उपरांत नियुक्ति को अवैध बताया जा रहा है, मैं क्या कर सकता हूँ

 सुनील सक्सेना ने पूछा है – 
मैं अर्द्वशासकीय संस्‍था जिला पंचायत मध्‍यप्रदेश में विगत 13 वर्षो से रिक्‍त पद के विरूद्व कार्यरत हूँ।  मेरी नियुक्ति सामान्‍य सभा के अनुमोदन के उपरांत हुई है।  इस वर्षो में मेरे द्वारा कोई संविदा अनुबंध निष्पादित नहीं किया है। आज की स्थिति में मेरी नियुक्ति को अवैधानिक बताकर मुझे परेशान किया जा रहा है। मैं नौकरी के संबंध में अपनी आयु 35 वर्ष पूर्ण कर चुका हूँ, ऐसी स्थिति में अब मेरी और कहीं नौकरी नही लग सकती। उक्‍त संबंध में मैं यह जानना चाहता हूं कि….
  1. क्‍या इस स्थि‍ति में मेरी नियुक्ति को समाप्‍त किया जा सकता है?
  2. यदि नियुक्ति गलत थी तो इसमें मेरा कहाँ और क्‍या दोष था?
  3. क्‍या मै उक्‍त तथ्यों के साथ कार्यालय द्वारा वर्तमान में परित आदेश को कोर्ट में चुनौती एवं कार्यालय के विरूद्व क्‍लेम दायर सकता हूँ अथवा नहीं क्‍योकि इनकी गलती के कारण अब मैं 
 
 उत्तर –


सुनील जी,

प की जैसी समस्या अनेक कर्मचारियों की है। हो यह रहा है कि सरकार, सरकारी और अर्धसरकारी संस्थाओं में किसी भी कर्मचारी को भारत के संविधान के अंतर्गत बने हुए नियुक्ति के नियमों के अंतर्गत ही नियुक्त किया जा सकता है। यदि इन नियमों के विपरीत किसी व्यक्ति को नियुक्त किया जाता है तो वह अवैधानिक होगा। लेकिन आप जैसे कुछ मामलों में जहाँ नियुक्ति किसी संस्था की बैठक आदि में पारित प्रस्ताव से की गई है, वहाँ वह अवैध तो नहीं होगी लेकिन उसे अनियमित कहा जाएगा। यदि नियुक्ति अवैध है तो उसे किसी भी स्थिति में नियमित नहीं किया जा सकता है। यदि नियुक्ति अवैध न हो कर केवल अनियमित है तो ऐसे कर्मचारी की नियमानुसार पात्रता आदि की जाँच कर के उस की नियुक्ति को नियमित किया जा सकता है।
प के मामले में पूरा विवरण तो मुझे उपलब्ध नहीं है, लेकिन जिस तरह से आप को रिक्त पद के विरुद्ध सामान्य सभा के अनुमोदन से नियुक्ति प्रदान की गई है आप की नियुक्ति को अवैध नहीं कहा जा सकता है, इस कारण से आप की नियुक्ति अनियमित अवश्य है। आप ने 13 वर्ष की लम्बी अवधि तक कार्य किया है जिस के दौरान आप  से कोई अनुबंध भी हस्ताक्षरित नहीं कराया गया है। ऐसी अवस्था में आप को अचानक सेवा से हटाया भी नहीं जा सकता है। 
प के प्रश्न से कहीं भी यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि आप को नौकरी से हटा दिया गया है, अथवा हटाया जा रहा है। आप को नौकरी से हटा दिया गया है तब आप नौकरी से हटा दिये जाने के आदेश के विरुद्ध सीधे उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका प्रस्तुत कर इस आदेश को रद्द करने तथा आप को नौकरी में नियमित किए जाने की प्रार्थना कर सकते हैं। यदि आप को नौकरी से नहीं हटाया गया है तो आप सारे तथ्यों को प्रस्तुत करते हुए तथा नौकरी से हटाए जाने की आशंका व्यक्त करते हुए रिट याचिका दाखिल कर सकते हैं उस में आप स्वयं को इस सेवा में नियमित किए जाने की प्रार्थना कर सकते हैं साथ ही स्थगन प्रार्थना पत्र के माध्यम से यह भी प्रार्थना कर सकते कि आप को इस रिट याचिका की सुनव

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