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तलाक चाहता हूँ, क्या करना चाहिए?

 विकी ने पूछा है –

मेरी शादी तीन साल पहले माता-पिता की मर्जी से हुई थी। शादी के  पाँच-छह महीने बाद पत्नी अपने मायके चली गई। उस को लेने के लिए हम ने केस भी डाला उस ने आने से मना कर दिया। महिला आयोग के पास भी गए। वहाँ भी मना कर दिया। मैं अदालत के कहने पर पिछले पंद्रह महिने से गुजारा भत्ता भी दे रहा हूँ। अब मैं उस के साथ नहीं रहना चाहता। मैं तलाक देना चाहता हूँ। क्या करूँ?
 उत्तर –

विकी भाई,

ब से पहली बात तो यह कि आप विवाह के किस कानून से शासित होते हैं, यह जानकारी आप के प्रश्न में नहीं है। आप यदि हिन्दू विधि से शासित होते हैं तो आप ने पत्नी को लाने के लिए जिस मुकदमे का उल्लेख किया है वह धारा- 9 हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत ही रहा होगा। इस मुकदमे में दाम्पत्य अधिकारों की प्रत्स्थापना की डिक्री मिलती है। डिक्री प्राप्त होने के बाद भी यदि पत्नी नहीं आती है तो आप इस आधार पर तलाक के लिए अर्जी लगा सकते हैं कि डिक्री के बावजूद वह आप के साथ आ कर नहीं रह रही है। इस डिक्री के बिना भी आप की पत्नी यदि अकारण आप के पास आ कर नहीं रहती है तो वह आप को आप के दाम्पत्य के अधिकारों से एक वर्ष से अधिक समय से वंचित कर रही है, तलाक के लिए यह भी एक मजबूत आधार है। 
प को सब से पहले अपने वकील को यह  बताना चाहिए कि आप तलाक लेना चाहते हैं। वह आप से सारी परिस्थितियों और तथ्यों की जानकारी लेगा और आप को बताएगा कि किन आधारों पर आप तलाक प्राप्त कर सकते हैं। उक्त आधारों के अतिरिक्त भी यदि कोई आधार उपलब्ध हुआ तो वह आप से तलाक की अर्जी में उन्हें भी सम्मिलित कर प्रस्तुत कराएगा। आप को उक्त आधारों के अतिरिक्त तलाक के लिए जितने भी आधार संभव हो सकते हैं उन पर तलाक की अर्जी प्रस्तुत करना चाहिए।  आप को अपनी पत्नी को भरण-पोषण कब तक देना होगा? इस प्रश्न का उत्तर आसान नहीं है। यह बहुत सारी परिस्थितियों पर निर्भर करता है। इस का उत्तर भी आप की सारी परिस्थितियाँ जान कर आप के वकील ही  आप को दे सकते हैं। 
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