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अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) क्या है?

 अश्विनी पूछते हैं –
किसी उत्पाद की पैकिंग पर जो अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) लिखा होता है, उस का नियम क्या है? या केवल उत्पादक की मर्जी होती है। गैस ऐजेंसी पर बिक्री के लिए उपलब्ध गैस स्टोव पर MRP 2350 रुपए लिखा है और गैस पाइप 170-190 रुपए छपा होता है। जब कि वही गैस स्टोव बाजार में 850 रुपए में और पाइप 70-80 रुपए में मिल जाता है। क्या ये गैर कानूनी नहीं है? कुछ ऐसा ही दवाओं के मामले में होता है।
 उत्तर –
अश्विनी जी,
मारे यहाँ किसी भी वस्तु का मूल्य निश्चित करने का कोई कानून नहीं है। जब कोई देश खुले बाजार की नीति को अपनाता है तो सभी वस्तुओं के मूल्य निर्धारित करना उत्पादक या विक्रेता का अधिकार बन जाता है। वैसे भी अर्थशास्त्र का नियम है कि बाजार में किसी भी वस्तु का मूल्य उस की लागत से तय नहीं होता अपितु बाजार में उस की आवश्यकता से तय होता है। कभी बाजार मूल्य लागत से कम भी होता है तो कभी वह लागत का कई गुना भी हो सकता है।
मारे यहाँ भार और माप-तौल (डिब्बा बंद वस्तु) नियम के अंतर्गत यह आवश्यक किया गया है कि डिब्बे में बंद वस्तुओं के संबंध में कुछ आवश्यक सूचनाएँ डिब्बे पर अंकित की जाएँ। जिन में वस्तु का वजन, संख्या या आयतन, उस के निर्माता का नाम व पता, निर्माण की तिथि तथा अधिकतम खुदरा मूल्य अंकित किया जाना आवश्यक है। डिब्बे में खाद्य सामग्री  होने पर यह भी आवश्यक है कि वस्तु का इस्तेमाल किस तिथि तक कर लिया जाना चाहिए।
धिकतम खुदरा मूल्य क्या होगा इस संबंध में कोई नियम नहीं है। यह पूरी तरह उत्पादक पर निर्भर करता है कि वह अपने माल का अधिकतम खुदरा मूल्य क्या नियत करता है। सामान्यतः अधिकतम खुदरा मूल्य लागत मूल्य से 20-30 प्रतिशत से ले कर दुगना तक होता है। लेकिन यह लागत मूल्य से कई गुना भी हो सकता है। जो भी अधिकतम खुदरा मूल्य किसी वस्तु के पैकेट पर अंकित होता है उस में सभी प्रकार के टैक्स, होलसेल व खुदरा दुकानदारों के कमीशन सम्मिलित होते हैं। किसी भी वस्तु को अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक मूल्य पर नहीं बेचा जा सकता है, लेकिन ग्राहक में मोल-भाव करने की क्षमता हो तो वह उस से कम मूल्य पर उस वस्तु को खरीद सकता है।
हाँ किसी दुकानदार से आप को कोई माल खरीदना बाध्यता हो वहाँ वह वस्तु को अधिक से अधिक मूल्य पर विक्रय करने का प्रयत्न करता है। गैस कनेक्शन मुश्किल से मिलता है फिर गैस ऐजेंसी सरकारी मशीनरी तय करती है। गैस ऐजेंसी पर रेगुलेटर और सिलेंडर के दर तो निश्चित किए हुए होते हैं, उन में मुनाफा कम होता है।  ऐसे में वे गैस स्टोव तथा गैस पाइप को मनमाने मूल्य पर विक्रय कर के मुनाफा कमाने का प्रयत्न करते हैं। ये दोनों वस्तुएँ गैस ऐजेंसी से खरीदना आवश्यक  नहीं है। लेकिन इन दोनों वस्तुओं का मानक स्तर का होना आवश्यक है, इस की जाँच गैस ऐजेंसी का ही एक कर्मचारी करता है। वे इ

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