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हिन्दू मृतक की निर्वसीयती संपत्ति का बँटवारा

 बिजनौर, उ.प्र. से आदर्श कुमार ने पूछा है – 

मां-बाप बिना वसीयत की संपत्ति छोड़ गए हों, और भाई बहन उसका हिस्‍सा बांट करना चाहते हों तो क्‍या उनके बच्‍चे भी उस संपत्ति में हिस्‍सा मांगने के हकदार होंगे?  किसी माँ की मृत्यु पर दो पुत्र और दो पुत्रियाँ हैं। एक पुत्र के 4 बच्‍चे हैं, दूसरे पुत्र के 2, एक पुत्री के 2 बच्‍चे है और एक पुत्री का एक बच्‍चा है। तो क्‍या संपत्ति के 4 हिस्‍से होंगे या 13 हिस्‍से होंगे? 

 उत्तर –
आदर्श जी,
प का प्रश्न स्पष्ट नहीं है। निर्वसीयती संपत्ति माँ ने छोड़ी है या पिता ने यह आप को बताना होगा। क्यों कि दोनों ही मामलों में कुछ भिन्नताएँ हैं। हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार पुरुष की मृत्यु पर उस की पत्नी के जीवित होने पर उस की निर्वसीयती सम्पति पत्नी, पुत्रों व पुत्रियों में समान रूप से बांट दी जाएगी। 
दि कोई स्त्री मृत्यु होने पर निर्वसीयती सम्पत्ति छोड़ जाती है तो वह पुत्र और पुत्रियों व पति में समान रूप से बाँट दी जाएगी। यदि किसी स्त्री के कोई पुत्र या पुत्री न हो और पति जीवित न हो तो उस की निर्वसीयती सम्पत्ति उस के पति के उत्तराधिकारियों को समान रूप से प्राप्त होगी। 
दि किसी पुरुष को कोई संपत्ति अपने पिता, दादा या परदादा से प्राप्त होती है तो उस में उस पुरुष के उत्तराधिकारियों का अधिकार निहित होगा। उस के उत्तराधिकारी उस संपत्ति में हिस्सा बाँट करने का अधिकार रखते हैं। 
प का प्रश्न विशिष्ठ रूप से यह है कि माँ की मृत्यु पर उस की संपत्ति का बँटवारा कैसे होगा? आप के यहाँ स्त्री की मृत्यु पर दो पुत्र और दो पुत्रियाँ जीवित हैं। संपत्ति पर के चार भाग होंगे और एक एक भाग प्रत्येक पुत्र व पुत्री को प्राप्त होगा। इन चारों को विरासत में प्राप्त होने वाली संपत्ति उन की स्वअर्जित संपत्ति मानी जाएगी और उस में उन के उत्तराधिकारियों को बँटवारे का कोई अधिकार नहीं होगा। वे अपनी संपत्ति को किसी भी प्रकार से हस्तांतरित भी कर सकते हैं। 

किसी पुरुष की मृत्यु पर उस की पत्नी जीवित न होने पर उस की  संपत्ति के भी उतने ही हिस्से होंगे जितने उस के पुत्र और पुत्री हैं। लेकिन जो हिस्सा उस के पुरुष उत्तराधिकारी को प्राप्त होगा, उस में उस के उत्तराधिकारियों का भी अधिकार होगा और वे उस में अपना हिस्सा मांग सकेंगे। 

स तरह किसी भी संपत्ति के उतने ही हिस्से होंगे जितने कि उत्तराधिकारी हैं। आप के मामले में यदि यह संपत्ति पिता की होती तब भी उस के पुत्र पुत्रियों में समान रूप से बाँटी जाती। हाँ तब पुरुष उत्तराधिकारी अर्थात पुत्रो

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